शार्क टैंक इंडिया ने शुरुआत से ही दर्शकों के बीच बड़ी लोकप्रियता हासिल की, लेकिन इस शो पर कई बार यह आरोप लगे कि इसमें स्टार्टअप्स के साथ न्याय नहीं होता। खासकर उन ब्रांड्स के लिए, जिन्हें कभी “बिजनेस स्केलेबल नहीं है” या “आइडिया घटिया है” कहकर रिजेक्ट कर दिया गया। लेकिन आज वही रिजेक्ट हुए ब्रांड्स करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर चुके हैं।
आइए, ऐसे कुछ ब्रांड्स की कहानी जानें, जिन्हें शार्क टैंक में नकारा गया, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और इनोवेशन से सफलता की नई इबारत लिखी।
1. Sippline: एक ट्रोल्ड आइडिया से सफलता तक
सिपलाइन के फाउंडर रोहित वॉरियर को शार्क अनीर ग्रोवर ने जमकर ट्रोल किया था। उन्होंने इसे “वाहियात प्रोडक्ट” तक कह दिया। इस आलोचना के बाद सिपलाइन सोशल मीडिया पर मीम्स और ट्रोल्स का शिकार हुआ।
हालांकि, इससे सिपलाइन को अप्रत्याशित मार्केटिंग मिली। धीरे-धीरे इस ब्रांड ने इंटरनेशनल मार्केट में कदम रखा और अपने ग्लास के मास्क को इटली और दुबई में लॉन्च किया। इसके साथ ही, वाइन चिलर और ट्रेवल फ्रेंडली टिशू जैसे प्रोडक्ट्स की बदौलत सिपलाइन ने अपनी सेल्स को 30 गुना बढ़ा लिया।
2. Desi Wood: मेड इन इंडिया का दमखम
देसी वुड एक ऐसा ब्रांड है जो मेड इन इंडिया ब्लूटूथ स्पीकर्स बनाता है। जब इसके फाउंडर्स ने शार्क टैंक में पिच किया, तो अमन गुप्ता की कंपनी Boat के साथ इसकी तुलना हुई। शो में देसी वुड के प्रोडक्ट्स को कंसीडर ही नहीं किया गया, क्योंकि इससे Boat के बिजनेस को खतरा हो सकता था।
शार्क्स की फंडिंग के बिना भी देसी वुड ने शानदार ग्रोथ की। जब इन्होंने शार्क टैंक में पिच किया, तब इनका रेवेन्यू सिर्फ 17 लाख था। आज यह ₹40 करोड़ से ज्यादा हो गया है। देसी वुड के फाउंडर्स का लक्ष्य 2025 तक इसे ₹100 करोड़ तक पहुंचाने का है।
3. Jaipur Watch Company: एक अनोखी लग्ज़री ब्रांड
जयपुर वॉच कंपनी, पुराने सिक्कों से बनी घड़ियां बनाने के लिए मशहूर है। फाउंडर गौरव मेहता ने शार्क्स से 50 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन उनके बिजनेस मॉडल को स्केलेबल न मानते हुए फंडिंग से इनकार कर दिया गया।
बाहरी इन्वेस्टर्स ने इस ब्रांड की क्षमता को पहचाना, और आज यह कंपनी लगभग ₹12 करोड़ का निवेश जुटा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई सेलेब्रिटी इस ब्रांड की घड़ियों के ग्राहक हैं।
4. Alpino: पीनट बटर की दुनिया में नाम
Alpino Peanut Butter के फाउंडर्स चेतन कनाली ने पहले से ही 15 करोड़ का वार्षिक रेवेन्यू जनरेट कर लिया था। शार्क्स ने उन्हें डील ऑफर की, लेकिन अधिक इक्विटी की मांग के कारण फाउंडर्स ने इसे ठुकरा दिया।
आज, Alpino Peanut Butter एक प्रॉफिटेबल कंपनी बन चुकी है, जो भारतीय बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है।
Shark Tank के Impact पर सवाल
शार्क टैंक में भले ही इन ब्रांड्स को नकार दिया गया हो, लेकिन उनकी असफलता को इनोवेशन और मेहनत से सफलता में बदला गया। सवाल यह उठता है कि क्या शार्क्स ने इन ब्रांड्स को सही तरीके से आंका था?
शार्क टैंक भले ही फंडिंग के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म हो, लेकिन असली ताकत फाउंडर्स के डेडिकेशन और उनके प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में होती है।
इसे भी पढ़ें:- भारत में बनिया कम्युनिटी की सफलता का राज: क्यों बनिया अमीर होते हैं?
निष्कर्ष
शार्क टैंक से रिजेक्ट होने के बावजूद, Sippline, Desi Wood, Jaipur Watch Company, और Alpino जैसे ब्रांड्स ने साबित किया है कि असली सफलता किसी प्लेटफॉर्म से नहीं, बल्कि मेहनत और सही दिशा से मिलती है। इन ब्रांड्स की कहानी उन सभी उद्यमियों के लिए प्रेरणा है, जो चुनौतियों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखते हैं।
Disclaimer
इस आर्टिकल में दिए गए सभी विचार, जानकारी और आंकड़े विभिन्न स्रोतों से लिए गए हैं और इन्हें पूरी तरह से सत्यापित नहीं किया गया है। यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें शामिल किसी भी ब्रांड, व्यक्ति, या शो के संबंध में कोई ठोस दावा नहीं किया गया है। यदि आप इसमें शामिल विषयों से संबंधित कोई निर्णय लेना चाहते हैं, तो कृपया पहले पूरी जानकारी और पेशेवर सलाह प्राप्त करें।