आज इंटरनेट पर एक बड़ी खबर तेजी से वायरल हो रही है – बलूचिस्तान ने खुद को पाकिस्तान से आज़ाद घोषित कर दिया है। बलूच लिबरेशन आर्मी की तरफ से एक प्रेस रिलीज सामने आई है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के 58 अलग-अलग लोकेशनों पर 78 हमले करने का दावा किया है। इस खबर ने पूरे पाकिस्तान और उसके पड़ोसियों को हिला कर रख दिया है। तो क्या वाकई पाकिस्तान के टुकड़े होने वाले हैं? आइए जानते हैं सब कुछ विस्तार से।
बलूचिस्तान ने क्यों किया खुद को आज़ाद घोषित?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो उसके कुल क्षेत्रफल का करीब 44% हिस्सा बनाता है। यहाँ खनिज संपदा, गोल्ड रिज़र्व्स, समुद्री तट, और पहाड़ी इलाके हैं, जो इसे आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं। लेकिन बलूच लोगों का आरोप है कि इस समृद्ध इलाके से उन्हें कुछ भी नहीं मिलता।
हाल ही में, बलूचिस्तान में सोने की एक बड़ी खदान की खोज हुई थी, जिसे चीन ने एक्सट्रैक्ट किया। पाकिस्तान को इससे सिर्फ 48% हिस्सा मिला और बलूच लोगों को महज़ 2%। इससे नाराज़ होकर बलूच लीडर्स ने खुलकर कहा कि उन्हें पाकिस्तान से कुछ नहीं चाहिए – अब वो “स्वतंत्र बलूचिस्तान” चाहते हैं।
बलूचिस्तान का इतिहास – क्या वो पहले से आज़ाद था?
बलूच नेताओं का कहना है कि 11 अगस्त 1947 को ही ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिलने के बाद बलूचिस्तान एक आज़ाद राष्ट्र बन गया था। लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना ने धोखे से बलूचिस्तान को पाकिस्तान में मिला लिया। इसीलिए बलूच लोग मानते हैं कि वो पहले से ही स्वतंत्र हैं, और अब सिर्फ दुनिया से मान्यता चाहिए।
क्या पाकिस्तान के चार टुकड़े होंगे?
इस समय इंटरनेट पर चर्चा है कि पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट सकता है:
- बलूचिस्तान – जो अब खुद को स्वतंत्र घोषित कर चुका है।
- सिंध – जहां लंबे समय से अलगाववादी विचार चलते रहे हैं।
- पंजाब – पाकिस्तान की मुख्य सत्ता का केंद्र।
- खैबर पख्तूनख्वा – यहां के लोग खुद को अफगानिस्तान के करीब मानते हैं।
खैबर पख्तून इलाके के लोगों की भाषा, संस्कृति पाकिस्तान से अलग है। वो खुद को पाकिस्तानी नहीं बल्कि अफगानी मूल का मानते हैं और अब वो भी स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं।
भारत को लेकर क्या कहा बलूच नेताओं ने?
बलूच नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कई ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने खुलकर भारत का समर्थन किया है। एक पोस्ट में लिखा गया:
“Baloch & India Together – यही एक हथियार है जो पाकिस्तान रूपी शैतान को खत्म कर सकता है।”
यहां तक कि कुछ पोस्ट में दिल्ली में बलूचिस्तान की एम्बेसी खोलने की मांग की गई है। उनका कहना है कि हम अब स्वतंत्र हैं और हमारी पहचान ‘बलूचिस्तानी’ है, पाकिस्तानी नहीं।
बलूच नेताओं की मांगें क्या हैं?
बलूच नेता सिर्फ आज़ादी की घोषणा ही नहीं कर रहे, बल्कि वो इसे पूरी तरह स्थापित करने के लिए मांगें भी रख रहे हैं:
- नई करेंसी और पासपोर्ट छापने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद।
- पाकिस्तानी आर्मी की वापसी बलूचिस्तान से।
- बलूचिस्तान में भारतीय एम्बेसी खोलने की इच्छा।
- यूएन से अपील कि उन्हें “डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान” के रूप में मान्यता दी जाए।
क्या वाकई सबको छोड़ रहे हैं बलूच लड़ाके?
हाल की घटनाओं में यह देखा गया कि जब बलूच लड़ाकों ने किसी ट्रेन को रोका, तो उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बलूच नागरिकों को छोड़ दिया और बाकी सभी को बंदी बना लिया। यह दिखाता है कि अब बलूच लिबरेशन ग्रुप्स पूरी तरह संगठित होकर काम कर रहे हैं, और उनकी सोच साफ है – “बलूच के लिए बलूचिस्तान”।
निष्कर्ष: क्या पाकिस्तान का अंत नजदीक है?
बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा और अन्य प्रांतों में बढ़ता असंतोष यह संकेत दे रहा है कि पाकिस्तान एक बहुत बड़े संकट में है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट जाएगा।
बलूचिस्तान ने तो पहला कदम बढ़ा दिया है। अब देखना है कि बाकी प्रांत क्या फैसला लेते हैं और क्या दुनिया बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देती है या नहीं।
Sources: सोशल मीडिया, बलूच लीडर्स के ट्वीट्स, प्रेस रिलीज, और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स।
Disclaimer: यह लेख मौजूदा घटनाओं और सोशल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, जिसका उद्देश्य जानकारी देना है।