आज के दौर में स्टार्टअप कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। युवा एंटरप्रेन्योर्स अपने आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जब किसी स्टार्टअप को ग्रो करने के लिए फंडिंग की जरूरत होती है, तो इन्वेस्टर्स को ढूंढना आसान नहीं होता। इसी बीच अगर आपको दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप फंडिंग इवेंट की जानकारी मिले, जिसमें एलन मस्क, सुंदर पिचाई, दुबई के प्रिंस शेख हमदान, गौतम अडानी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी जैसी बड़ी हस्तियां शामिल होने वाली हों, तो यकीनन कोई भी इस मौके को हाथ से नहीं जाने देगा।
कुछ ऐसा ही हुआ ‘वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन’ के नाम से आयोजित इवेंट में, जिसका दावा किया गया था कि यह दुनिया का सबसे बड़ा फंडिंग इवेंट होगा। लेकिन यह इवेंट एक बड़े स्कैम में तब्दील हो गया, जिसने हजारों एंटरप्रेन्योर्स और इन्वेस्टर्स को गहरी निराशा में डाल दिया।
कैसे शुरू हुआ यह फंडिंग स्कैम?
नोएडा में आयोजित ‘वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन’ को लेकर काफी बड़ा प्रचार किया गया था। इस इवेंट में 50 देशों के 9000 से ज्यादा एंजेल इन्वेस्टर्स, 1500 इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और 75,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के भाग लेने का दावा किया गया था। इसके अलावा, बड़े-बड़े बिजनेस टाइकून और पॉलिटिशियन के शामिल होने की भी घोषणा की गई थी।
स्टार्टअप्स के फाउंडर्स ने इस इवेंट को लेकर काफी उत्साह दिखाया। उन्होंने लाखों रुपये खर्च करके अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाया, शानदार प्रेजेंटेशन तैयार की और पूरी तैयारी के साथ इस इवेंट में शामिल हुए। लेकिन जब इवेंट का दिन आया, तो एक बड़ा खुलासा हुआ—यह सब एक धोखा था।
कैसे हुआ खुलासा?
जब स्टार्टअप्स के फाउंडर्स इवेंट में पहुंचे, तो उन्हें एहसास हुआ कि वहां न तो कोई बड़ा इन्वेस्टर मौजूद था और न ही कोई नामचीन हस्ती, जिनका नाम पहले प्रचार में लिया गया था। धीरे-धीरे यह साफ हो गया कि यह पूरा इवेंट एक फ्रॉड था, जहां हजारों स्टार्टअप्स को ठगा गया था।
स्टार्टअप फाउंडर्स में से एक, अध्ययन मंगल, जो कि Metadrop के फाउंडर हैं, उन्होंने इस इवेंट के लिए 8,000 रुपये का टिकट खरीदा था। जब वह इवेंट में पहुंचे, तो उन्हें जल्द ही अहसास हुआ कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हो चुका है। न सिर्फ उन्होंने, बल्कि देशभर से आए सैकड़ों एंटरप्रेन्योर्स ने भी खुद को इस फर्जी इवेंट का शिकार पाया।
इसी तरह, ग्रोथ चार्ट मीडिया के सीईओ निखिल सिंह सुमन ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने 50,000 रुपये की टिकट खरीदी थी, लेकिन इवेंट में न तो कोई बड़ा स्पीकर था और न ही कोई इन्वेस्टर। यह पूरी तरह से एक घोटाला निकला।
कैसे रची गई यह ठगी की साजिश?
यह स्कैम अचानक से नहीं हुआ, बल्कि इसे बहुत ही प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया।
- 2022 में शुरू हुई योजना:
24 जून 2022 को लुक तलवार और अर्जुन चौधरी नाम के दो लोगों ने एक कंपनी बनाई और अक्टूबर 2022 में ‘वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन’ की घोषणा की। - बड़े-बड़े नामों का इस्तेमाल:
इवेंट को प्रमोट करने के लिए शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जोड़ा गया, जिससे लोगों को इस इवेंट की विश्वसनीयता पर कोई शक न हो। बाद में एलन मस्क, सुंदर पिचाई, नितिन गडकरी, और अन्य नामचीन हस्तियों का नाम भी शामिल कर दिया गया। - भारी-भरकम प्रमोशन:
यूट्यूब, लिंक्डइन, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस इवेंट के विज्ञापन चलाए गए। साथ ही, बड़ी-बड़ी वेबसाइट्स पर पेड आर्टिकल्स पब्लिश किए गए, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप्स और इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जा सके। - फर्जी स्पीकर्स की लिस्ट:
इवेंट में बड़े स्पीकर्स को लाने की घोषणा की गई थी, लेकिन इवेंट से कुछ हफ्ते पहले इन नामों को बदल दिया गया। - टिकट्स के नाम पर करोड़ों का फ्रॉड:
इस इवेंट के लिए टिकट की कीमत शुरू में 16,000 रुपये रखी गई थी, जिसे बाद में घटाकर 8,000 रुपये कर दिया गया। इन्वेस्टर्स के लिए टिकट की कीमत 25,000 रुपये रखी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 लाख से ज्यादा लोगों ने इस इवेंट के टिकट खरीदे थे।
क्या हुआ इवेंट के दिन?
जब 24 मार्च 2023 को इवेंट शुरू हुआ, तो वहां पहुंचे स्टार्टअप फाउंडर्स को कुछ भी वैसा नहीं मिला, जैसा उन्हें बताया गया था। कुछ ही घंटों बाद वहां अफरा-तफरी मच गई और लोगों को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।
गुस्साए एंटरप्रेन्योर्स ने इवेंट के आयोजकों का विरोध करना शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस वहां पहुंची और इवेंट के आयोजकों को हिरासत में ले लिया।
क्या मिला स्टार्टअप्स को?
इस पूरे मामले में हजारों स्टार्टअप्स को सिर्फ धोखा मिला। उन्होंने फंडिंग की उम्मीद में लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन बदले में सिर्फ निराशा हाथ लगी।
कई स्टार्टअप फाउंडर्स ने #JusticeForStartups और #WSCScam जैसे हैशटैग के साथ ट्विटर कैंपेन भी शुरू किया, ताकि इस स्कैम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
सीख जो हर स्टार्टअप को लेनी चाहिए
इस घटना से स्टार्टअप्स को बहुत कुछ सीखने को मिला—
- हर बड़े दावे पर आंख बंद करके भरोसा न करें।
- इवेंट्स के आयोजकों और उनकी विश्वसनीयता की जांच जरूर करें।
- सोशल मीडिया के प्रचार से गुमराह न हों।
- फंडिंग इवेंट में शामिल होने से पहले अच्छे से रिसर्च करें।
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निष्कर्ष
‘वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन’ एक बहुत बड़ा स्कैम साबित हुआ, जिसमें हजारों स्टार्टअप्स को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। यह घटना उन सभी नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए एक सबक है कि स्टार्टअप की दुनिया में सतर्कता बेहद जरूरी है। किसी भी इन्वेस्टमेंट या फंडिंग इवेंट में भाग लेने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
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पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी निवेश या इवेंट में भाग लेने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें और सतर्कता बरतें।