दुनिया ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि चीन के एक छोटे से हेज फंड का साइड प्रोजेक्ट पूरी टेक इंडस्ट्री को हिला कर रख देगा। Nvidia-SMI जैसी दिग्गज कंपनी, जिसका मार्केट कैप 250 बिलियन डॉलर है, उसे भी इस चाइनीज AI स्टार्टअप ने टक्कर दे दी है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस डीप सीख AI मॉडल को ट्रेन करने में केवल कुछ मिलियन डॉलर खर्च हुए, जबकि OpenAI और Google ने अपने AI मॉडल्स के लिए करोड़ों डॉलर झोंक दिए थे।
अब सवाल यह उठता है कि डीप सीक आखिर क्या है? यह चैटजीपीटी से कैसे अलग है और क्या यह सच में बेहतर है? या फिर यह चीन का कोई और बड़ा प्लान है? आइए, जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
कैसे बना डीप सीक?
डीप सीक को किसी बड़ी टेक कंपनी ने नहीं बनाया, बल्कि यह चीन के एक हेज फंड मैनेजर वेन फेंग का साइड प्रोजेक्ट था। यह हेज फंड शेयर बाजार में क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग, क्रिप्टो ट्रेडिंग और क्रिप्टो माइनिंग करता था। उनके पास पुराने GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) पड़े थे, जिन्हें वीकेंड्स पर इस्तेमाल नहीं किया जाता था क्योंकि उन दिनों स्टॉक मार्केट बंद होता है।
फंड के मैनेजर्स ने सोचा कि इन GPUs का इस्तेमाल AI मॉडल बनाने के लिए किया जाए। यह एक छोटा सा प्रयोग था, लेकिन कुछ ही महीनों में यह टेक इंडस्ट्री में तहलका मचाने वाला AI बन गया, जिसका नाम रखा गया “Deep Seek”।
कैसा है डीप सीक का AI मॉडल?
डीप सीक के दो प्रमुख मॉडल्स हैं:
- R10 Model – इसे Reinforcement Learning (RL) के जरिए ट्रेन्ड किया गया था, लेकिन यह चैटजीपीटी जैसे बड़े AI मॉडल्स को टक्कर नहीं दे पाया।
- R1 Model – यह AI टेक्नोलॉजी की दुनिया में गेम-चेंजर साबित हुआ। इसमें Reinforcement Learning के साथ-साथ Supervised Learning का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे इसकी क्षमता कई गुना बढ़ गई।
Supervised Learning: इसमें एक बड़े डेटाबेस में सही और गलत चीजों की लेबलिंग की जाती है, जिससे AI को सही फैसले लेना सिखाया जाता है।
Reinforcement Learning: इसमें AI खुद ही ट्रायल और एरर के जरिए चीजें सीखता है।
R1 मॉडल का यही अनोखा तरीका इसे अन्य AI मॉडल्स से अलग बनाता है।
डीप सीक बनाम चैटजीपीटी और गूगल का AI
बड़ी AI कंपनियां जैसे OpenAI और Google ने अपने मॉडल्स को तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च किए, लेकिन डीप सीक AI केवल कुछ मिलियन डॉलर में तैयार हो गया।
AI Model | ट्रेनिंग कॉस्ट | टेक्नोलॉजी | ओपन-सोर्स |
---|---|---|---|
ChatGPT (OpenAI) | $100 मिलियन+ | Supervised Learning | ❌ |
Gemini (Google) | $200 मिलियन+ | Supervised Learning | ❌ |
Deep Seek (China) | कुछ मिलियन डॉलर | Reinforcement + Supervised Learning | ✅ |
सबसे बड़ी बात, डीप सीक एक Open-Source AI है। इसका मतलब है कि कोई भी इसका कोड देख सकता है, डाउनलोड कर सकता है और इसे अपने हिसाब से मॉडिफाई कर सकता है। जबकि ChatGPT और Google Gemini जैसी AI टेक्नोलॉजी क्लोज़-सोर्स हैं, जिनका कंट्रोल सिर्फ उन्हीं कंपनियों के पास होता है।
क्यों है डीप सीक AI इतना खास?
- कम लागत में हाई-परफॉर्मेंस AI – डीप सीक को महंगे GPU के बिना तैयार किया गया, फिर भी इसकी परफॉर्मेंस टॉप AI मॉडल्स के बराबर है।
- ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी – इसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है, जबकि ChatGPT और Google Gemini पेड सर्विसेज हैं।
- रिफोर्समेंट लर्निंग आधारित AI – यह खुद से सीखने की क्षमता रखता है, जिससे यह अधिक स्मार्ट और प्रभावी बनता है।
- समय की सही प्लानिंग? – इसे 25 जनवरी को लॉन्च किया गया, ठीक उसी दिन जब डोनाल्ड ट्रंप की प्रेसिडेंशियल सेरेमनी हुई। क्या यह चीन की कोई रणनीति हो सकती है?
क्या डीप सीक AI फ्री में मिलेगा?
हां! डीप सीक को कोई भी यूज़ कर सकता है, बिना किसी सब्सक्रिप्शन फीस के। दूसरी तरफ, OpenAI के GPT-4 और Google Gemini जैसी सर्विसेज को इस्तेमाल करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
इसे भी पढ़ें:- रुपे ने कैसे Visa और Mastercard को टक्कर दी?
निष्कर्ष: क्या डीप सीक AI गेम-चेंजर साबित होगा?
डीप सीक ने AI की दुनिया में हलचल मचा दी है।
- यह सस्ता, तेज और ओपन-सोर्स AI है।
- इसकी ट्रेनिंग लागत बहुत कम है, फिर भी यह टॉप AI मॉडल्स को टक्कर दे सकता है।
- यह फ्री में उपलब्ध होगा, जिससे छोटे डेवलपर्स भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिका और अन्य देश इस पर कोई प्रतिबंध लगाएंगे? क्या यह चीन की टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभुत्व का संकेत है?