ओला स्कूटर्स: एक दुखद अनुभव और घटिया सर्विस के पीछे की असली कहानी

आज हम एक मिडिल क्लास आदमी की कहानी सुनेंगे, जो अपनी मेहनत से ₹1 लाख जुटा कर ओला का स्कूटर खरीदने का सपना देखता है। उसका विश्वास था कि पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से बचने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर सबसे बेहतर विकल्प होगा, लेकिन कुछ ही समय में उसे ओला की घटिया सर्विस और स्कूटर में आई समस्याओं से वह टूट कर रह गया।

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यह कहानी अकेले उस व्यक्ति की नहीं है, बल्कि लाखों ग्राहकों की है जिन्होंने ओला के स्कूटर को ‘मेड इन इंडिया’ के नाम पर खरीदा था। इन ग्राहकों का अनुभव इतना निराशाजनक हो चुका है कि कुछ लोग अपना स्कूटर जलाने तक मजबूर हो गए हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों ओला के स्कूटरों के मालिक इतनी बड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं, और क्या ओला की सर्विस इन समस्याओं का कारण है।

ओला स्कूटर्स की जबरदस्त ग्रोथ

अगर हम ओला की ग्रोथ पर नजर डालें, तो कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के मार्केट में शानदार बढ़ोतरी की है। वित्तीय वर्ष 2024 में, ओला ने लगभग 3,26,000 स्कूटर बेचे, जो कुल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेल्स का 35% के बराबर था। 2021 में जब ओला ने अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर की शुरुआत की थी, तब इनकी सेल केवल 100 यूनिट्स तक सीमित थी। लेकिन आज ये हर महीने 35,000 से ज्यादा स्कूटर बेचते हैं, और जल्द ही ओला के इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल भी सड़कों पर दिखाई देंगे।

परन्तु यह सफलता असल में झूठी दिखती है

हालांकि ओला की सफलता की यह कहानी हमें बहुत आकर्षक लगती है, लेकिन इसके पीछे की असलियत बहुत ही निराशाजनक है। ओला को हर महीने औसतन 80,000 कंप्लेंट्स मिल रही हैं, जो इनकी मासिक बिक्री से कहीं ज्यादा हैं। हर महीने ओला के 80,000 स्कूटर सर्विस सेंटर पहुंच रहे हैं, और ग्राहकों को महीनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। यही कारण है कि अगस्त 2024 में ओला की बिक्री में 34% की गिरावट आई और उनकी मार्केट शेयर 39% से घटकर 31% पर पहुंच गई।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो

आजकल सोशल मीडिया पर ओला के स्कूटरों को लेकर जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, वे कंपनी की घटिया सर्विस को उजागर कर रहे हैं। कई वीडियो में लोग गुस्से में अपने स्कूटरों को तोड़ते हुए या आग लगाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो एक कस्टमर की निराशा और गुस्से का प्रतीक बन चुकी हैं।

सागर सिंह का अनुभव

भिलाई के सागर सिंह ने ओला का स्कूटर खरीदा था, यह सोचकर कि पेट्रोल की परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। लेकिन उन्हें स्कूटर में एक के बाद एक समस्याएं आनी शुरू हो गईं। सर्विस सेंटर में जाते हुए उन्हें बताया गया कि स्कूटर की रिपेयर में 20 से 25 दिन लग सकते हैं। यह जवाब उनके लिए एक बड़ा झटका था। निराश होकर सागर ने कंपनी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया, और इस वीडियो ने ओला की इमेज को बुरी तरह से नुकसान पहुँचाया।

शिवम गुर्जर और उनकी परेशानियां

ग्वालियर के शिवम गुर्जर ने ओला का स्कूटर लिया था, लेकिन उसमें भी लगातार समस्याएं आईं। स्कूटर कभी अचानक से बंद हो जाता था तो कभी रिवर्स में चलने लगता था। उन्होंने कई बार सर्विस सेंटर का रुख किया, लेकिन समस्याओं का समाधान कभी नहीं मिला। अंत में उन्होंने अपने गुस्से को एक हथौड़े से दिखाया और अपना स्कूटर तोड़ डाला।

नदीम का एक्सट्रीम कदम

कर्नाटका के कलबुर्गी में नदीम ने ओला का स्कूटर खरीदा था, लेकिन बैटरी और अन्य समस्याओं के कारण उनका गुस्सा इतना बढ़ा कि उन्होंने ओला के शोरूम में ही आग लगा दी। यह कदम ओला के खिलाफ उनकी निराशा और गुस्से का प्रतीक था। हालांकि इस घटना में कोई जान नहीं गई, लेकिन ओला को 85 लाख का नुकसान हुआ।

मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस

मेरे अपने अनुभव में भी ओला की सर्विस बेहद निराशाजनक रही है। मैंने जब स्कूटर खरीदा, तो आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। कई बार ईमेल भेजने के बावजूद कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। आखिरकार, जब मैंने सरकारी अधिकारियों को सीसी करके ईमेल किया, तब जाकर ओला ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की। इसके अलावा, जब भी मैंने सर्विस के लिए रिक्वेस्ट की, तो बिना तकनीशियन के ही मुझे मैसेज मिल जाता था कि स्कूटर सर्विस हो चुका है, लेकिन कभी भी सही तरीके से सर्विस नहीं हुई।

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निष्कर्ष

ओला का असल में सफलता का दावा बहुत ही झूठा साबित हो रहा है। ग्राहकों के अनुभव और वायरल हो रही वीडियोओं से यह साफ हो जाता है कि ओला को अपनी सर्विस में सुधार की जरूरत है। यदि कंपनी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देती है, तो इनकी गिरावट और भी तेज हो सकती है।

अस्वीकृति (Disclaimer):

इस लेख में व्यक्त किए गए विचार और राय व्यक्तिगत अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित हैं। लेखक का उद्देश्य किसी विशेष ब्रांड या सेवा को बढ़ावा देना या आलोचना करना नहीं है। इसमें उल्लेखित घटनाएँ और समस्याएँ व्यक्तिगत ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं और यह सभी ग्राहकों के अनुभव को नहीं दर्शाती। इस लेख का उद्देश्य ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स से जुड़ी ग्राहक चिंताओं और समस्याओं को उजागर करना है, और यह निंदात्मक या दुर्भावनापूर्ण नहीं है। पाठकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे अपनी स्वयं की राय बनाएं और खरीदारी निर्णय लेने से पहले अपनी खुद की शोध करें।

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