दो दोस्तों ने मोमोज बेचकर बनाई 1200 करोड़ की कंपनी – जानिए उनकी पूरी कहानी

आज हर मॉल में आपको Wow! Momo का आउटलेट देखने को मिल जाएगा, जहां मोमोज की कीमत ₹90 से ₹200 तक होती है। लेकिन जब सड़क किनारे ₹40 में टेस्टी मोमोज मिल जाते हैं, तो लोग इतने महंगे मोमोज क्यों खरीदते हैं? आखिर क्या खास है इस बिजनेस मॉडल में, जिसने ₹30,000 के इन्वेस्टमेंट से शुरू हुए इस स्टार्टअप को ₹1225 करोड़ की वैल्यूएशन तक पहुंचा दिया? आइए जानते हैं इस सक्सेस स्टोरी को विस्तार से।

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कैसे हुई Wow! Momo की शुरुआत?

साल 2008 की बात है। सागर दरयानी और उनके क्लासमेट विनोद कुमार कोलकाता के एक कॉलेज में पढ़ते थे। उन्हें पास के एक स्टॉल की मोमोज बहुत पसंद थी। सागर ने गौर किया कि भले ही वहां कई मोमोज के ठेले थे, लेकिन इस आंटी के मोमोज सबसे स्वादिष्ट थे।

तभी उन्होंने एक बिजनेस आइडिया सोचा – भारत में मोमोज का कोई बड़ा ब्रांड नहीं है। डोमिनोज पिज़्ज़ा और मैकडॉनल्ड्स बर्गर की तरह, मोमोज के लिए भी एक बड़ा ब्रांड होना चाहिए।

लेकिन एक बड़ी समस्या थी – ज़्यादातर सड़क किनारे मिलने वाले मोमोज साफ-सफाई के लिहाज से अच्छे नहीं होते थे। इसलिए लोग मोमोज की बजाय बर्गर और पिज्जा को ज्यादा पसंद करते थे।

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सागर और विनोद ने इस गैप को समझा और तय किया कि वे स्वच्छ, स्वादिष्ट और हेल्दी मोमोज बनाएंगे।


Wow! Momo का बिजनेस मॉडल क्या है?

Wow! Momo ने शुरुआत में कोलकाता के स्पेंसर रिटेल स्टोर के बाहर एक स्टॉल लगाया। वे ब्राइट येलो टी-शर्ट पहनकर मोमोज बेचते थे ताकि लोग आसानी से उन्हें नोटिस करें। साथ ही, वे फ्री सैंपल भी बांटते थे ताकि ग्राहक उनके स्वाद को पहचान सकें।

जल्द ही, उन्होंने 20 तरह के वेज और नॉनवेज मोमोज अपने मेनू में शामिल किए। शुरुआत में मोमोज की कीमत ₹40 थी, लेकिन जब लोग उनके मोमोज के स्वाद के दीवाने हो गए, तो उन्होंने धीरे-धीरे दाम बढ़ा दिए।


मॉल्स में स्टोर खोलने का राज

कई लोग सोचते होंगे कि अगर मॉल में स्टोर का किराया इतना महंगा था, तो उन्होंने वहां स्टोर क्यों खोला? असल में, यही उनकी बिजनेस स्ट्रेटजी का हिस्सा था।

अगर आप सड़क किनारे किसी ठेले के पास जाएंगे, तो आपको लगेगा कि ₹90 में मोमोज खरीदना बेवकूफी है। लेकिन मॉल में जब आपके सामने Domino’s, McDonald’s और Starbucks के स्टोर होंगे, जहां कुछ भी खाने के लिए कम से कम ₹200 खर्च करने पड़ते हैं, तो Wow! Momo का ₹90 वाला मोमोज आपको सस्ता लगेगा।

यानी, उनका बिजनेस मॉडल लोकेशन के हिसाब से प्राइसिंग सेट करने पर आधारित था, जिससे लोगों को उनके मोमोज अफॉर्डेबल लगे।


Wow! Momo की ग्रोथ और सफलता

Wow! Momo की सफलता की सबसे बड़ी वजह थी कि उन्होंने एक हेल्दी और अफोर्डेबल फूड ऑप्शन बनाया। आज की जेनरेशन हेल्दी खाने को ज्यादा तवज्जो देती है, और मोमोज बर्गर और पिज्जा से बेहतर ऑप्शन साबित हुए।

आज Wow! Momo के पास 500 से ज्यादा आउटलेट्स हैं और यह भारत के सबसे तेजी से ग्रो करने वाले फूड ब्रांड्स में से एक बन चुका है।

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इस कहानी से क्या सीख सकते हैं?

Wow! Momo के बिजनेस मॉडल से हमें तीन बड़े सबक मिलते हैं:

  1. हेल्दी और अफोर्डेबल फूड का महत्व – अगर आप फूड बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि प्रोडक्ट हेल्दी और सस्ता हो।
  2. भारत में फूड मार्केट अभी भी अनऑर्गनाइज्ड है – 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन फूड इंडस्ट्री ₹3.71 लाख करोड़ की है, लेकिन इसमें से सिर्फ 36% ऑर्गनाइज्ड है। यानी आपके पास भी एक नया ब्रांड बनाने का मौका है।
  3. इनोवेटिव ब्रांडिंग और सही लोकेशन – अगर आप अपने बिजनेस को सही जगह पर खोलेंगे और उसे इनोवेटिव तरीके से प्रमोट करेंगे, तो बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।

Wow! Momo की सफलता यह दिखाती है कि एक छोटा आइडिया भी बड़े बिजनेस में बदला जा सकता है, बस सही प्लानिंग और मेहनत की जरूरत होती है। 🚀

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