आज सोशल मीडिया का दौर है। हर कोई Instagram, YouTube और Facebook पर अपनी लाइफ को दिखाने में व्यस्त है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी का खूबसूरत चेहरा, मीठी मुस्कान और दिल छू लेने वाली बातें भी देश के खिलाफ जहर फैला सकती हैं? आज हम बात कर रहे हैं ज्योति मल्होत्रा की – एक ऐसी लड़की जो दिखने में तो ट्रैवल ब्लॉगर थी, लेकिन असल में वो ISI यानी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की एक चाल थी। चलिए इस पूरी कहानी को विस्तार से समझते हैं।
मासूम चेहरा, लेकिन दिल में गद्दारी
हर बार जब कोई खूबसूरत लड़की सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की तारीफ करता दिखे, तो अब एक बार रुक कर जरूर सोचिएगा – कहीं वो भी ज्योति जैसी तो नहीं? ज्योति मल्होत्रा हरियाणा की रहने वाली थी। सोशल मीडिया पर उसकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग थी। YouTube और Instagram पर लाखों लोग उसे फॉलो करते थे। लेकिन उसकी असल पहचान कुछ और थी – वो भारत विरोधी एजेंडा फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंट बन चुकी थी।
Instagram पर ‘इश्क लाहौर’ और असल में ISI की एजेंट
ज्योति के पोस्ट्स में पाकिस्तान की तारीफें, लाहौर की गलियों का जिक्र और पाकिस्तानी खाने की तारीफ दिखती थी। ये सब देखकर कोई भी सोचता कि वो बस पाकिस्तान को पसंद करती है। लेकिन असलियत में वो पाकिस्तान की ISI के लिए भारत में जासूसी कर रही थी। वो अपने सोशल मीडिया के ज़रिए भारत के युवाओं के दिमाग में पाकिस्तान के लिए ‘मीठा जहर’ घोल रही थी।
प्यार की आड़ में देशद्रोह
ज्योति ने कबूल किया है कि वो दानिश नाम के पाकिस्तानी एजेंट के प्यार में फंस गई थी। दानिश ने उसका ब्रेनवॉश किया, उसे पैसा दिया, दुनिया घुमाई, और ISI के कई एजेंट्स से मिलवाया। ये कोई आम लव स्टोरी नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित लव जिहाद और देशद्रोह की साजिश थी। 2023 में वो पाकिस्तान भी गई, और ये टूरिज्म नहीं बल्कि ISI का प्लान था।
सिर्फ ट्रैवल ब्लॉगर नहीं, बल्कि जासूस
ज्योति की ट्रैवल ब्लॉगिंग एक मुखौटा था। उसने दिल्ली में रहते हुए कई संवेदनशील इलाकों की तस्वीरें, डाटा पाकिस्तान को भेजे। Snapchat, Telegram और WhatsApp जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर वो सारी जानकारियां लीक करती थी – ताकि पकड़ी न जा सके। उसे इसके बदले हवाला के जरिए मोटी रकम दी जाती थी।
एक अकेली नहीं, बल्कि पूरा नेटवर्क
इस मामले में सिर्फ ज्योति ही नहीं, बल्कि कई और नाम सामने आए हैं:
- गजाला – जिसने वीजा की प्रक्रिया में मदद की
- यामीन मोहम्मद – जिसने हवाला के जरिए पैसे भिजवाए
- अरमान – जिसने डिफेंस एक्सपो 2025 की जानकारियां लीक कीं
ये सब मिलकर एक ऐसा नेटवर्क बना चुके थे जो भारत के अंदर बैठकर दुश्मन को मदद पहुंचा रहे थे।
सोशल मीडिया बना जहर फैलाने का हथियार
ज्योति जैसी लोग सोशल मीडिया पर ‘पाकिस्तान इज फॉर पीस’ जैसे नरेटिव फैलाकर युवाओं को भ्रमित करते हैं। वो लोगों को ये यकीन दिलाने की कोशिश करते हैं कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है, जिससे भारत को दुश्मनी नहीं रखनी चाहिए। लेकिन हकीकत कुछ और है – ये लोग भारत की सामाजिक एकता, सुरक्षा और आत्मा पर हमला कर रहे हैं।
क्या करें अब?
सवाल यह है कि जब ऐसे गद्दार हमारे ही बीच में बैठे हों, तो उनसे कैसे निपटा जाए? ऐसे लोगों को जड़ से खत्म करना होगा, उन्हें पहचानना होगा। सेना बाहर के दुश्मनों से निपट रही है, लेकिन अंदर के गद्दारों से लड़ने के लिए हम सभी को जागरूक होना होगा।
निष्कर्ष
ज्योति मल्होत्रा की कहानी एक चेतावनी है। एक खूबसूरत मुस्कुराहट के पीछे छिपा ज़हर कितनी बड़ी तबाही ला सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण है ये मामला। देश की सुरक्षा सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी खतरे में है। अब वक्त आ गया है कि हम इन अंदरूनी दुश्मनों को पहचानें, जागरूक बनें और मिलकर इस तरह की गद्दारी का अंत करें।