KTM की बर्बादी की खबर: क्या सच में कंपनी बंद होने की कगार पर है?

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से हर दिन कुछ न कुछ नई खबरें आती रहती हैं, लेकिन हाल ही में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ गई है। बड़े ब्रांड्स और कंपनियों के दिवालिया होने की खबरें चौंकाने वाली हैं। पहले जगुआर और फिर इंसान ब्रांड पर संकट के बादल छाए। अब KTM की हालत भी बेहद खराब होती दिख रही है।

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KTM ने 3 बिलियन यूएस डॉलर के भारी कर्ज के चलते अपनी इंसॉल्वेंसी (दिवालिया) घोषित कर दी है। कंपनी के हालात इतने बुरे हैं कि उन्हें अपनी ऑस्ट्रिया स्थित मेडिको फैक्ट्री को बंद करने पर विचार करना पड़ रहा है।

क्या हुआ KTM के साथ?

KTM की मौजूदा हालत किसी झटके से कम नहीं है, खासकर तब जब उनके भारत में बिक्री के आंकड़े इतने अच्छे दिख रहे थे। 2015 में जहां KTM भारत में केवल 22,000 यूनिट्स बेचती थी, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा 64,000 यूनिट्स से ऊपर चला गया।

लेकिन वैश्विक स्तर पर कंपनी भारी वित्तीय संकट में है। 40 मिलियन यूएस डॉलर की सैलरी पेंडिंग है और सप्लायर्स को 356 मिलियन यूरो का भुगतान करना बाकी है। इससे साफ है कि कंपनी की नकदी (कैश फ्लो) बुरी तरह अटक चुकी है।

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इतिहास में झांके तो…

KTM की शुरुआत 1934 में ऑस्ट्रिया में हंस ट्रकनपोल्ज़ ने एक बाइक रिपेयर की दुकान के रूप में की थी। उन्होंने धीरे-धीरे मोटरसाइकिल निर्माण में कदम रखा और 1953 में पहली बाइक लॉन्च की। समय के साथ KTM ने अपनी पहचान स्पोर्ट्स बाइक ब्रांड के तौर पर बनाई। भारत में बजाज ऑटो के साथ उनकी साझेदारी ने भी उन्हें मजबूत किया।

कर्ज और इन्वेंटरी ने बढ़ाई मुश्किलें

KTM की सबसे बड़ी समस्या उनकी अनसोल्ड इन्वेंटरी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के पास लगभग 2.65 लाख यूनिट्स बिना बिके पड़ी हैं। यह इन्वेंटरी इतनी अधिक है कि कंपनी के पास अगले साल के उत्पादन के लिए भी जगह नहीं बची।

  • डिमांड में गिरावट: 2023 से ही KTM बाइक्स की मांग में कमी दिखने लगी थी।
  • उत्पादन जारी रखा गया: डिमांड कम होने के बावजूद, 2023 से 2024 तक उत्पादन उसी रफ्तार से चलता रहा।
  • फ्री कैश की कमी: ऑटो इंडस्ट्री जैसी लो-मार्जिन इंडस्ट्री में कैश फ्लो की कमी बड़ी समस्या बन जाती है।

KTM के डिमांड में कमी क्यों आई?

  1. कम इनोवेशन: KTM ने पिछले कुछ सालों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कोई बड़ा इनोवेशन नहीं किया।
  2. रिलायबिलिटी इश्यू: 390cc जैसे सेगमेंट्स में गुणवत्ता की समस्याएं भी चर्चा का विषय रही हैं।
  3. कोविड के बाद का असर: ग्लोबल टू-व्हीलर मार्केट में कोरोना महामारी के बाद गिरावट देखने को मिली।

भारत में KTM की स्थिति

भारत में KTM के ऑपरेशंस बजाज ऑटो के अंतर्गत आते हैं। फिलहाल, बजाज ने स्पष्ट किया है कि भारतीय बाजार पर इस संकट का कोई असर नहीं है। भारत में KTM की बाइक्स का उत्पादन और बिक्री सामान्य रूप से जारी है।

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क्या KTM को बचाया जा सकता है?

कंपनी को फिलहाल 7 मिलियन यूरो के निवेश का प्रस्ताव मिला है। अगर KTM अपनी अनसोल्ड इन्वेंटरी को सही तरीके से निपटा पाती है और अपनी प्रोडक्शन पॉलिसी को सुधारती है, तो कंपनी के लिए वापसी करना संभव हो सकता है।

भविष्य का क्या?

हालांकि KTM की वर्तमान स्थिति गंभीर है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि कंपनी पूरी तरह बंद हो जाएगी। ऑटो इंडस्ट्री में बड़ी कंपनियों को अक्सर निवेशकों का सहारा मिल जाता है।

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