दोस्तों, जब हम Microsoft और Apple की बात करते हैं, तो हम दोनों कंपनियों की अलग-अलग इतिहास और उनकी तकनीकी दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हैं। हालांकि, एक दिलचस्प बात यह है कि जहां Apple ने तकनीकी दुनिया में खुद को सबसे बड़ी इकॉनमी के रूप में स्थापित किया है, वहीं Microsoft के रास्ते में कई मोड़ आए, और यहां तक कि वे Apple से पिछड़ते भी गए। चलिए जानते हैं कि कैसे और क्यों ऐसा हुआ।
Apple की सफलता की शुरुआत
हम सब जानते हैं कि 27 जनवरी 2010 को स्टीव जॉब्स ने iPad को लॉन्च किया था। यह एक ऐसा डिवाइस था जिसने दुनिया भर में तहलका मचाया। वहीं, Microsoft के उस समय के प्रेसिडेंट ने यह भविष्यवाणी की थी कि इसकी कीमत $11,000 से ज्यादा होगी। मगर स्टीव जॉब्स ने इसे सिर्फ $499 में लॉन्च कर दिया। Apple की इस सस्ते और पावरफुल डिवाइस ने बाज़ार में एक नई क्रांति ला दी।
Microsoft की राह में परेशानी
Microsoft के लिए चीजें सही नहीं जा रही थीं। 2009 में, Windows 7 के लॉन्च के बाद, Microsoft की स्थिति काफी स्थिर हो गई थी, लेकिन फिर भी वे Apple के मुकाबले पिछड़ते जा रहे थे। जब 2010 में Microsoft ने टैबलेट बनाने की कोशिश की, तो वे इस बदलाव को सही तरीके से अपना नहीं पाए। टैबलेट्स में माउस और कीबोर्ड की बजाय टच कंट्रोल्स की जरूरत थी, और Microsoft ने इस बदलाव के लिए जरूरी रणनीतिक बदलाव नहीं किए। इसके बाद उनके नए वर्जन Windows 8 में भी बदलाव किए गए, लेकिन परिणाम कुछ खास नहीं निकला।
डेटा साइंस की बढ़ती संभावनाएं
दोस्तों, उद्योग में उतार-चढ़ाव चलता रहता है, लेकिन एक क्षेत्र जो लगातार बढ़ रहा है, वह है डेटा साइंस। अनुमान है कि 2026 तक डेटा साइंस इंडस्ट्री 11.5 मिलियन जॉब्स पैदा कर सकती है। ऐसे में, अगर हम इस क्षेत्र में अपनी स्किल्स को डेवलप करते हैं, तो हम भी एक अच्छा करियर बना सकते हैं। इसके लिए आप ऑर्डिन स्कूल के बूटकैम्प से जुड़ सकते हैं, जो आपको न केवल डेटा साइंस की स्किल्स सिखाएगा, बल्कि एक अच्छी जॉब दिलाने में भी मदद करेगा।
Microsoft की गलतियाँ और सुधार
Microsoft ने कभी हार नहीं मानी। उनके द्वारा लॉन्च किए गए वर्चुअल रियलिटी डिवाइस, जो Windows 10 के साथ इंटीग्रेट किए गए थे, की कीमत $3500 थी, जो अधिकांश यूज़र्स की पहुंच से बाहर थी। इसके बाद, Microsoft ने इन 3D फीचर्स को धीरे-धीरे हटा लिया। हालांकि, उन्होंने 2021 में अपनी गलतियों को समझा और Windows 11 में बिना किसी फालतू क्रिएटिविटी के केवल यूजर एक्सपीरियंस पर ध्यान केंद्रित किया।
Apple का स्मार्ट सुधार
Apple ने भी अपनी गलतियों से सीखा और कुछ समय बाद अपने उत्पादों में बेहतर सुधार किया। इसके बाद, Apple ने अपने चिप्स को खुद डिजाइन किया, जिससे उनकी पोजीशन और मजबूत हुई। ये चिप्स अब Apple के सॉफ़्टवेयर के साथ इंटीग्रेट होकर बेहतर परफॉर्मेंस दे रहे हैं।
क्या Microsoft का भविष्य संजीवित होगा?
अब सवाल ये उठता है कि क्या Microsoft अपने हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर को और बेहतर बनाने में सफल होगा? इस समय, Microsoft की स्थिति Apple के मुकाबले थोड़ी कमजोर दिख रही है, लेकिन केवल समय ही बताएगा कि वे किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।
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निष्कर्ष
तो दोस्तों, आज के इस लेख से यह साफ होता है कि दोनों कंपनियां Microsoft और Apple, अपनी अलग-अलग रणनीतियों और इनोवेशन्स के साथ आगे बढ़ रही हैं। हालांकि Microsoft ने कई गलतियाँ की हैं, परंतु अपनी गलती को पहचान कर सुधारने का उनका तरीका भी काबिल-ए-तारीफ है। यह मुकाबला आगे भी दिलचस्प रहने वाला है।
डिस्क्लेमर:
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