राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक ऐसा संगठन है जो देश की एकता और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह संगठन 1925 में डॉ. केशव हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज देश भर में लाखों लोग इससे जुड़े हुए हैं। आरएसएस का उद्देश्य समाज को एकजुट करना और देश की संस्कृति को संरक्षित करना है। इस लेख में हम आरएसएस के इतिहास, कार्य, और इसके योगदान के बारे में जानेंगे।
आरएसएस का इतिहास और स्थापना:
आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में हुई थी, जब डॉ. केशव हेडगेवार ने केवल पांच लोगों के साथ मिलकर इस संगठन की शुरुआत की थी। आज यह संगठन देशभर में एक करोड़ से ज्यादा लोगों से जुड़ा हुआ है। आरएसएस का मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति को संरक्षित करना और समाज को संगठित करना है।
आरएसएस की विचारधारा:
आरएसएस की विचारधारा का मूल सिद्धांत अखंड भारत है। इसका मतलब है कि भारत एक ऐसा देश होना चाहिए, जो एक विचारधारा और संस्कृति में बंधा हुआ हो। आरएसएस किसी धार्मिक पूजा को महत्व नहीं देता, बल्कि इसका सबसे ऊंचा प्रतीक उसका ध्वज है। संघ के सभी सदस्य इस ध्वज को प्रणाम करते हैं और इसके नीचे अपने फैसले लेते हैं।
आरएसएस की शाखाएं और गतिविधियां:
आरएसएस के संगठन में शाखाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। देशभर में लगभग 68000 शाखाएं हैं, जहां लोग अपनी शारीरिक फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करते हैं, भारतीय संस्कृति के बारे में सीखते हैं और समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास करते हैं। शाखाओं के माध्यम से आरएसएस समाज में जागरूकता फैलाता है और एकजुटता को बढ़ावा देता है।
आरएसएस के कार्य और योगदान:
आरएसएस केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपने कार्यों के लिए जाना जाता है। जब भी प्राकृतिक आपदाएं आईं, आरएसएस ने नेपाल, श्रीलंका और सुमात्रा जैसे देशों में मदद भेजी है। इसके अलावा, आरएसएस ने भारतीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेता आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
आरएसएस की सदस्यता और यूनिफॉर्म:
आरएसएस के सदस्य एक विशेष यूनिफॉर्म पहनते हैं, जिसमें सफेद शर्ट, खाकी पैंट और खाकी सॉक्स होते हैं। उनके बेल्ट का रंग ब्राउन होता है, और वे काले जूते और काली टोपी पहनते हैं। पहले इनकी पैंट हाफ होती थी, लेकिन अब फुल पैंट पहनने की अनुमति दी गई है।
इसे भी पढ़ें:- लग्जरी लाइफस्टाइल का मोह और कर्ज़ के जाल में फंसते लोग
आरएसएस और भारतीय राजनीति:
आरएसएस का प्रभाव भारतीय राजनीति पर भी गहरा है। बीजेपी, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन आरएसएस से जुड़े हुए हैं। इसके सदस्य राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी।
निष्कर्ष:
आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी सेवाएं दी हैं। यह संगठन देश की संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करता है और समाज में जागरूकता फैलाता है। इसके कार्य और विचारधारा से यह स्पष्ट है कि आरएसएस का उद्देश्य सिर्फ भारत को एकजुट करना नहीं, बल्कि एक सशक्त समाज का निर्माण करना है।