सुंदर पिचाई, जो 2015 में Google के CEO बने थे, को लेकर एक नई और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। कई निवेशक और विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने Google को अरबों डॉलर का मुनाफा दिलाया, उसे कंपनी से क्यों निकाला जा रहा है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले को और समझते हैं कि क्यों निवेशक चाहते हैं कि पिचाई CEO पद से हट जाएं।
सुंदर पिचाई का करियर
सुंदर पिचाई का करियर एक इंजीनियर और प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में शुरू हुआ था। सिलिकॉन वैली में एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने 2004 में Google जॉइन किया था। पिचाई ने Google Chrome ब्राउज़र को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र बन चुका है। 2008 में जब उन्होंने Chrome को लॉन्च किया, तब यह इंटरनेट एक्सप्लोरर और Firefox जैसे ब्राउज़र्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया।
Google का उत्थान और पिचाई की भूमिका
सुंदर पिचाई के नेतृत्व में, Google का रेवेन्यू 2015 में $4 बिलियन से बढ़कर 2023 में लगभग $35 बिलियन तक पहुंच गया। इसके अलावा, Google का स्टॉक प्राइस भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ा। लेकिन फिर भी, निवेशकों ने पिचाई को सीईओ पद से हटाने की बात शुरू कर दी।
निवेशकों का दबाव
यहां सवाल यह उठता है कि अगर पिचाई कंपनी को इस कदर मुनाफा दिला रहे हैं, तो उन्हें क्यों निकाला जा रहा है? असल में, जिन निवेशकों ने पिचाई के नेतृत्व में अच्छे मुनाफे का अनुभव किया, वही अब उन पर दबाव बना रहे हैं। निवेशकों का मानना है कि Google ने अब नए इनोवेशन्स से ध्यान हटाया है, और अब समय आ गया है कि कंपनी को एक नया नेतृत्व मिले।
सुंदर पिचाई के करियर की शुरुआत
सुंदर पिचाई की सफलता केवल Google में ही नहीं, बल्कि उनके शुरुआती करियर में भी दिखाई देती है। उन्होंने Google में अपने करियर की शुरुआत 2004 में की, और बाद में वह Google Chrome ब्राउज़र के प्रमुख निर्माता बने। इस दौरान उन्होंने कई नई चीजें पेश की, जिनकी वजह से Google की सफलता को नए मुकाम मिले।
CEO पद की चुनौतियाँ
सुंदर पिचाई को Google का CEO बनते वक्त कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। 2015 में जब एरिक स्मिथ ने CEO पद से इस्तीफा दिया, तो कंपनी की दिशा को सही करने के लिए सुंदर पिचाई को चुना गया। हालांकि, इस समय कंपनी को लेकर कई तरह की आलोचनाएं और विवाद सामने आने लगे थे। पिचाई ने कंपनी को विवादों से दूर रखा और इसे नए मुकाम तक पहुंचाया। लेकिन, पिचाई के बाद के कार्यकाल में कई चीजों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
एआई के क्षेत्र में कमी
जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया, तो Google के पास एक जबरदस्त मौका था। पिचाई ने Google के AI वर्शन को लॉन्च किया, लेकिन वह ChatGPT के मुकाबले उतना प्रभावी साबित नहीं हो सका। इसके बाद, निवेशकों का गुस्सा और बढ़ गया। इसके अलावा, Google के नये AI टूल्स ने लगातार विवादों को जन्म दिया, जिससे कंपनी की मार्केट वैल्यू में गिरावट आई।
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अंतिम शब्द
इस पूरी स्थिति का सार यह है कि भले ही सुंदर पिचाई ने Google के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, लेकिन अब उनका नेतृत्व सवालों के घेरे में आ गया है। AI में असफलता, विवादित निर्णय और निवेशकों का दबाव उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। अब देखने की बात यह होगी कि क्या Google इन दबावों के बावजूद पिचाई को CEO बनाए रखेगा, या फिर उसे किसी नए नेतृत्व की तलाश होगी।
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